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Who Is Tiger Jairam Mahto for the 2024 Jharkhand Assembly Election?


झारखंड के चुनावी टाइगर जयराम महतो कुड़मी समुदाय के गौरव पर जोर देने के कारण लोगों की नजर में आ रहे हैं। Jharkhand Loktantrik Krantikari Morcha (JLKM) उनकी नई पार्टी, राष्ट्रीय पार्टियों द्वारा नियंत्रित स्थापित राजनीतिक व्यवस्था को उखाड़ फेंकना चाहती है। क्या वह झारखंड का खेल बदल देंगे?


 

झारखंड की राजनीति में हाल के वर्षों में एक ऐसा नाम उभरा है जिसने अपनी छवि और कड़ी मेहनत से जनता का ध्यान खींचा है—जयराम महतो। साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले जयराम ने राजनीति में कदम रखते ही बड़ा प्रभावडाला और आज वह राज्य की राजनीति के चर्चित चेहरों में से एक बन गए हैं।

जयराम महतो कौन हैं? 

1995 में, जयराम का जन्म धनबाद जिले के मानतंड गांव में हुआ था। उनके पिता ने झारखंड राज्य के संघर्ष में सक्रिय रूप से भाग लिया था। भोजपुरी, मगही और अंगिका जैसी झारखंड से बाहर की मानी जाने वाली भाषाओं को 11 जिलों में राज्य स्तरीय परीक्षाओं के लिए क्षेत्रीय भाषाओं की सूची में जोड़े जाने के बाद, 2022 में जयराम ने पहली बार राज्य में एक अभियान शुरू करके प्रसिद्धि पाई। उन्होंने केवल मूल भाषा को बढ़ावा देने का आह्वान करके प्रदर्शनों का नेतृत्व किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने जोर देकर कहा कि केवल झारखंड के निवासियों को ही काम पर रखा जाए और किसी अन्य राज्य के किसी व्यक्ति को वहां काम करने की अनुमति न दी जाए। 

 

साधारण से असाधारण तक का सफर

30-31 साल के जयराम महतो ने झारखंड की लोकसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपनी ताकत का अहसास कराया। धनबाद के बलियापुर में एक सभा से राजनीतिक यात्रा शुरू करने वाले जयराम ने 3 लाख से अधिक वोट प्राप्त कर यह साबित किया कि वह जनता के दिलों में अपनी खास जगह बना चुके हैं। उनकी पार्टी, झारखंड क्रांतिकारी लोकतांत्रिक मोर्चा (जेएलकेएम), ने राज्य की राजनीति में एक नई दिशा देने की कोशिश की है।

1932 खतियान आंदोलन और स्थानीय नीति

जयराम महतो की लोकप्रियता का आधार उनके द्वारा किए गए 1932 खतियान आंदोलन और झारखंड की स्थानीय नीति की वकालत है। इन आंदोलनों ने उन्हें जनता के बीच एक सशक्त नेता के रूप में स्थापित किया। खासकर कुड़मी समुदाय के लोगों ने उन्हें अपना नेता मानना शुरू किया। जयराम महतो ने झारखंड के लोगों की भावनाओं को समझते हुए उनके हितों के लिए संघर्ष किया और उनकी आवाज को बुलंद किया।

जयराम महतो को "टाइगर" नाम कहां से मिला?

झारखंड की राजनीति में "टाइगर" के नाम से प्रसिद्ध जयराम महतो का यह उपनाम उनके साहसिक व्यक्तित्व, निडर नेतृत्व, और जनता के लिए किए गए संघर्षों के कारण मिला। विशेष रूप से, डुमरी विधानसभा सीट से जुड़े घटनाक्रम ने उनके समर्थकों के बीच उन्हें "टाइगर" के रूप में स्थापित किया।

डुमरी से जुड़ी कहानी

डुमरी सीट पर जयराम महतो की राजनीतिक सक्रियता और उनकी आवाज़ ने जनता में गहरी छाप छोड़ी। यह सीट झारखंड के स्वर्गीय शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो की कर्मभूमि रही है। जगन्नाथ महतो की मृत्यु के बाद, जब उनकी पत्नी ने इस सीट पर उपचुनाव लड़ा, तो जयराम महतो ने क्षेत्र में अपनी उपस्थिति और प्रभाव को मजबूत किया।

डुमरी क्षेत्र में उनके संघर्ष, कुशल नेतृत्व, और कुड़मी समुदाय के अधिकारों के लिए उनके अडिग रवैये ने उन्हें एक नायक के रूप में स्थापित किया। जनता ने उनके दृढ़ संकल्प और संघर्ष की भावना को "टाइगर" जैसे निडर और वीर उपनाम से जोड़ दिया।

 


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